फ़िल्म की कहानी शहर के एक पॉश रेजीडेंटल सोसाइटी से शुरू होती है जहाँ फ़िल्म का मुख्य किरदार सुमित अपने आस पास रहनेवाले बुजुर्गो से बहुत चिढ़ता रहता है और कई बार उनसे बहस में उलझ भी जाता है तो दूसरी तरफ सुमित की साली आशी है जो अपने सभी वरिष्ठ सदस्यों को प्यार करती है और कॉलोनी के वरिष्ठ सदस्यों का ध्यान रखती है वह हमेशा सीनियर सिटिजंस के कल्याण के लिए तैयार रहती है । कहानी तब दिलचस्प हो जाती है जब आशी तय करती हैकि वह सुमित के व्यवहार को बदल देंगी। सुमित के व्यवहार को बदलने के साथ ही दोनों मिलकर सोसायटी के वरिष्ठ सदस्यों के लिए एक डे सेंटर भी शुरू करने का फैसला लेते है।फ़िल्म में कई कॉमेडी दृश्य के साथ भावनात्मक सवांद भी है. फ़िल्म में सिनेमा के वरिष्ठ अभिनेता बीरबल, मनमौजी, रमेश गोयल, के साथ ही इन दिनों लोकप्रिय मनोज बक्शी पहली बार एक साथ नजर आयँगे। साथ ही ड़ॉ जे एस रंधावा, आशी सिंह, सोनल मुग्दल, रंजन सिंह, ड़ॉ राखी आनंद अग्रवाल, महेश गहलोत, राजेंद्र भाटिया, और मृदुल गुप्ता महत्वूर्ण किरदारों में नजर आयेंगे। फ़िल्म में लोकप्रिय गायक अल्ताफ़ राजा एक लम्बे समय के अंतराल के बाद किसी फ़िल्म में अपने गाये गाने में नजर आएंगे। इस अवसर पर अभिनेता और निर्देशक ड़ॉ जे एस रंधावा ने कहाकि फ़िल्म 10 नहीं 40 एक महत्पूर्ण सन्देश देती हैकि हमें अपने बड़े बुज़ुर्गो का ध्यान रखना चाहिए फिल्म का शीर्षक इसी तरह का हैकि अपने सिर्फ जिंदगी के बचे हुवे वर्षो की गिनती मत कीजिये आप जिंदगी को कई सालों से आंनद से जी रहे है। आजकल की व्यस्त दिनचर्या में अधिकतम समय अपनी जरूरतों को पूरा करने में ही लगा देते है और अपने सुख और आनंद के लिए समय ही नहीं बचता इसलिए अगर जिंदगी के अगले बचे हुवे १० सालों को ख़ुशियों और आनंद के साथ बिताया जाय तो वह 10 नहीं 40 की तरह ही लगेंगे। ” रिवरब्रेशन फ़िल्म्स तले निर्मित 10 नहीं 40 की शूटिंग संपन्न हो गयी है और फिल्म का पोस्ट प्रोडक्शन शुरू हो गया है। फिल्म के निर्माता जल्द ही फ़िल्म की रिजील डेट की घोषणा करेंगे। छायाकार : रमाकांत मुंडे]]>