Rakesh Pandey, Of Bihar, NRI & Chairman Of Bravo Pharma Extends Financial Aid To Families Of Martyrs Of Pulwama Incident

   विगत दिनों उन्होंने प्रयागराज में चल रहे कुंभ के दौरान पुलवामा की घटना  सभी शहीदों के आत्मा की शांति के लिए सनातन परंपरा के अनुसार तैंतीस हजार दीप भी जलाए। राकेश पांडेय का कहना है कि पुलवामा हमले की निंदा की जानी चाहिए मगर शहीदों के घरवालों के बारे में भी सोचना चाहिए। जिस से जो हो सके उसे अपने स्तर पर शहीदों के परिजनों, उनके बच्चों की शिक्षा के लिए मदद करनी चाहिए। यही सोचकर मैंने बिहार के दोनों शहीदों की आर्थिक मदद की। राकेश पाण्डेय के मित्र और मूलरूप से बिहार के लेकिन अब मुम्बई निवासी फ़िल्म निर्माता- निर्देशक अरुण पाठक का कहना है कि अगर मुसीबत के समय राकेश पांडेय जैसे लोग सामने आ जाएं, तो शहीदों के घरवालों को बड़ी राहत मिल जाती है। मैंने राकेश पांडेय के वे दिन भी देखे हैं जब उनका समय बहुत बुरा था और ज़िन्दगी में गरीबी से जूझ रहे थे लेकिन अपने हौसले और कड़ी मेहनत से आज वह फार्मा कम्पनी के चेयरमैन बने हैं। वह लोगो का दुख दर्द मजबूरी और जरूरत को समझते हैं इसलिए उन्होंने बिहार के दो शहीदों के परिजनों को दस दस लाख रुपए देने का फैसला किया।  आपको बता दें कि अरुण पाठक ने “शहीद ए आजम” नाम की एक फिल्म भी प्रोड्युस की थी। अरुण कुमार पाठक के द्वारा निर्देशित यह फिल्म इतिहास के कई अनछुए पहलुओं को उजागर करती नज़र आइ थी.  स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिकारी की भूमिका में रहे कमल नाथ तिवारी के जीवन पर आधारित थी यह फिल्‍म एक अनछुए स्वतंत्रता के क्रन्तिकारी कमल नाथ पर फिल्म निर्माण का अरुण कुमार पाठक का भी प्रयास सराहनीय रहा है।]]>

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