सबसे पहले इस बेहतरीन फिल्म को दिखाया गया जिसका कैमरा वर्क, रिसर्च वर्क देख कर लोगों की आंखें खुली की खुली रह गईं। फिल्म मैरीटाइम मुंबई एन ओडिसी के टाइटल के बारे में स्पष्टीकरण करते हुए फिल्म के लेखक तनमय मोहन ने कहा कि मैरीटाइम समुन्द्र से रिलेटेड ऐक्टिविटी को कहते हैं जबकि ओडिसी का मतलब गाथा होता है अर्थात यह फिल्म मुंबई की गाथा बयान करती है। लगभग 500 वर्षों के मुंबई के इतिहास को इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में समाने का प्रयास किया गया है। यह एक बेहद मनोरंजक और शिक्षाप्रद फिल्म है जिसमें मुंबई शहर की हिस्ट्री पेश की गई है। यह फिल्म नेवी डिपार्टमेंट द्वारा प्रोमोटेड फिल्म है, उनकी ही छत्र छाया में बनी है। मुंबई के कोलाबा में जहां नेवल डॉकयार्ड है वहीं से मुंबई की हिस्ट्री शुरू होती है। जैसे मुंबई के बांद्रा इलाके को पहले सॉल्सेट आइलैंड के नाम से जाना जाता था। यह फिल्म दरअसल मुंबई की कहानी कहती है। यह लोगों के लिए बड़ी हैरान करने वाली कुछ सच्चाइयां सामने लाती है। मुंबई में अगर कोई बड़ी बिल्डिंग है तो उसके पीछे की कहानी को दिखाती है यह फिल्म। यह फिल्म मुंबई के नाम पड़ने से लेकर यहां के विकास तक के सफ़र को बड़े बेहतरीन ढंग से पेश करती है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म में जहां विजुअल इफेक्ट्स हैं वहीं तथ्यों को बड़ी गहराई और सफाई से बयां किया गया है। बीच बीच में कुछ इतिहाकारों और प्रोफेसर के अलावा नेवी से जुड़े कुछ अधिकारियों की बातें बड़ी ज्ञानवर्धक होती हैं। फिल्म के पीआर की ज़िम्मेदारी लिड माईन्स मीडिया ने निभाई है।]]>